बुध नवम भाव में (mercury in ninth house)

Kaushik sharma

बुध नवम भाव में


बुध नवम भाव में बलवान हो तो जातक धार्मिक, श्रुतिधर, विद्वान, धर्मभीरु, बुद्धिमान होता हैं। ऐसा जातक एक दक्ष अनुचर होता है। उसे जीवन में विद्या का साथ मिलता हैं या एक स्कॉलर के रूप में भी उभरते हैं। पिता के साथ मधुर सम्बन्ध बनते है। शुक्र के साथ हों तो संगीत में रूचि उत्पन्न होता हैं। जातक स्त्री पुत्र के सम्बन्ध से सुखी, सच्चाई और ईमानदारी के रस्ते से धन कमाने वाला, पिता की आयु को बढ़ाने वाला होता हैं। ऐसे जातक का भाग्योदय बत्तीस वर्ष के बाद प्रारंभ हो जाता है। उम्र बढ़ने के साथ साथ धर्म परायणता और धर्म शास्त्र की और झुकाव ज्यादा होता है। ऐसा व्यक्ति सभा में सम्मान पाने वाला, धनी तथा सत पुरुषों की  सेवा से लाभान्वित होने वाला, कुलप्रदीप, गुणवान तथा भाग्यवान होता है। सच्चरित्रता के कारण से उग्र एवं कटुभाषी मनुष्य इनके सामने कमज़ोर पर जाते हैं। घर सुख समृद्धि से पूर्ण और मंगलमय होता हैं। बुध पापग्रह युत या दृस्ट होने पर शुभ फलों का नाश होता है। शिक्षा अपूर्ण होती है जिसके कारण अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती तथा पारिवारिक जीवन कलह से परिपूर्ण होता हैं। जातक अधर्मी और कुमार्गगामी तथा मन्दभाग्य वाला होता है।

बुध विभिन्न भाव में


बुध के विशेष उपाय-


पन्ना धारण करें या पारा या कलई धारण करें। नाक छिदवाए। लड़की, बहन, बुआ,मौसी की सेवा करें। दुर्गा पाठ करें या कन्याओं की सेवा करें।  हलवा ,कद्दू ( सीता फल ) मंदिर में दान करें । हरे रंग की चीजों का हिजड़ों को दान करें। भेड़, बकरी, तोते की सेवा करें। अंडा न खाएं। कांसे के कटोरी में सबूत हरी मूंग भरकर मंदिर में दान करें।बाजार के तोते वाले से एक जोड़ा तोता उसके बताएं हुए एक दाम में खरीदें तथा दाम कम कराएं और अश्विन के महीने के शुक्लपक्ष के बुधवार को राहुकाल रहित समय में वायु लग्न के उदय होने पर छोड़ दें। इससे बुध अति शुभ फलदायी बन जाते हैं। गोचर में जब कन्या राशि में बुध हों उस परिधि में प्राप्त कोई बुधवार अगर सर्वार्थसिद्धि योग या अमृतसिद्धि योग हो तो विशेष शुभ हो जाता हैं। भूलने की या स्मरण शक्ति दोष हों तो हमेशा एक नोटबुक साथ रखें तथा अपने महत्वपूर्ण चीजों को लिख लिया करें और इसके अलावा भी कई और कारणों से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव मिलता हैं। श्री गोपाल, श्री गणेश, देवी नील सरस्वती ,नृसिंह, देवी त्रिपुरसुंदरी , बुद्ध और बुध देव की पूजा अर्चना करने पर भी बुध के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता हैं।

बुध अशुभ कब होता है ?


धागे ताबीज़, जल, बिभूतियाँ (राख) अपने पास जेब में रखने से या घर में रखने से। पत्थरों के पिंड रखने से। पीतल के बर्तन कोरे बंद हो। बहन, लड़की का धन मार लेना या उनसे धन मांगना। क्रोध करना ,बंद जुबान होना। पूछने पर जवाब न देना, वायदे का कच्चा होना। फ़ोन ,कैलक्यूलेटर, घड़ी आदि सामान खराब होने पर। भेड़ बकरी का मांस खाने पर। घर में धर्म स्थान बदलने पर । किताबें चोरी करने पर। किसी बालक को मारना या सताने पर। तोते को मारने पर। घर में हरियाली बिल्कुल न होने पर।  याददाश्त कमजोर होने पर।

वेदों में बुध का दान -


नीला या हरा वस्त्र, स्वर्ण, कांसा, हरे मूंग की दाल, घी, गौरवर्ण पुष्प, अंगूर, हाथी दांत इत्यादि सवस्त्र भोज्य सहित, दक्षिणा एवं मंत्र उच्चारण द्वारा दान करें। मंत्र -ॐ ऐं स्त्रीं श्रीं बुधाय। जपसंख्या - १७०००, देवी त्रिपुरसुन्दरी, अधिदेवता नारायण, प्रत्यधिदेवता विष्णु, अत्रिगोत्र, वैश्य, स्वर्णमूर्ति, धनुराकृति, सिंघवाहन, बुद्धदेवता, सरलकाष्ठ चन्दन, पुष्पादि पीतवर्ण, धुप स्वघृत देवदारुकाष्ठ, बलि दधि मिश्रित अन्न, समिध अपमार्ग, दक्षिणा स्वर्णखंड। 

बुध के विषय में- 


बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी है। ये एक बालक एवं सौम्य ग्रह है। इनका दिन बुधवार है। अश्लेषा, ज्येष्ठा तथा रेवती इनके तीन नक्षत्र है। रवि एवं शुक्र इनके मित्र ग्रह है। 


अन्य सभी ग्रह-

👉 सूर्य सभी घरों में
👉 चंद्र सभी घरों में
👉 मंगल सभी घरों में
👉 बुध सभी घरों में
👉 बृहस्पति सभी घरों में
👉 शुक्र सभी घरों में
👉 शनि सभी घरों में
👉 राहु सभी घरों में
👉 केतु सभी घरों में
👉 युरेनस सभी घरों में
👉 नेप्च्यून सभी घरों में
👉 प्लूटो सभी घरों में






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