बुध द्वादश भाव में (mercury in twelfth house)

Kaushik sharma
बुध द्वादश भाव में


बुध द्वादश भाव में शुभ हों तो जातक के घर में ब्राम्हण का आना जाना लगा रहता हैं। ऐसा जातक दयावान, त्यागी, यांत्रिक, मन्त्रिक या तंत्र अदि विद्याओं का ज्ञाता होता है तथा विदेश यात्रा  से सफलता अर्जित करते है। ऐसा जातक धार्मिक कार्यों में धन खर्च करने वाला, परोपकारी लेकिन सनकी भी होता है। सनकी स्वाभाव होने के कारणवश अचानक अपना धन खर्च कर बैठता हैं। पर धन या पर स्त्री का लोभी, नीच जनों के संपर्क में रहने वाला, विश्वास करके धोखा खाने वाला, सदैव चिंतित तथा दुखी मन वाला होता हैं। बुध पीड़ित हो तो अधिक अशुभ फल लाभ होता हैं तथा मानसिक त्रास व धोखा खाने के प्रसंग उपस्थित होते है। पाप युक्त बुध से जातक चंचल चित्त, सनकी तथा धन का नाश करने वाला होता हैं। अशुभ बुध से जातक का चरित्रहिन, मानसिक विकारग्रस्त, क्रोधी व झगड़ालू होते हैं। ऐसे जातक उन्मादी व आलस्य से परिपूर्ण होते हे तथा विशेष अशुभ होने पर पागल होने का भय भी बना रहता है। विदेश गमन इनके लिए अशुभ होता है तथा जुआ, सट्टा आदि में अपना सब कुछ गवा बैठते है। व्यापार के बजाय इन्हे नौकरी करना ही उचित रहता है। विशेष अशुभ जातक स्वेछाचारी, कामपीड़ित चिंताओं में चिंतित रहने वाला तथा कुचिन्ताओं से अप्रसन्न रहने वाला होता है। जातक शादीशुदा होकर भी पर नारी पर डोरे डालने वाला होता है जिसके चलते पत्नी से क्लेश आदि बढ़ने लगता है।

बुध विभिन्न भाव में-


बुध के विशेष उपाय-


पन्ना धारण करें या पारा या कलई धारण करें। नाक छिदवाए। लड़की, बहन, बुआ,मौसी की सेवा करें। दुर्गा पाठ करें या कन्याओं की सेवा करें।  हलवा ,कद्दू ( सीता फल ) मंदिर में दान करें। हरे रंग की चीजों का हिजड़ों को दान करें। भेड़, बकरी, तोते की सेवा करें। अंडा न खाएं। कांसे के कटोरी में सबूत हरी मूंग भरकर मंदिर में दान करें। बाजार के तोते वाले से एक जोड़ा तोता उसके बताएं हुए एक दाम में खरीदें तथा दाम कम कराएं और अश्विन के महीने के शुक्लपक्ष के बुधवार को राहुकाल रहित समय में वायु लग्न के उदय होने पर छोड़ दें। इससे बुध अति शुभ फलदायी बन जाते हैं। गोचर में जब कन्या राशि में बुध हों उस परिधि में प्राप्त कोई बुधवार अगर सर्वार्थसिद्धि योग या अमृतसिद्धि योग हो तो विशेष शुभ हो जाता हैं। भूलने की या स्मरण शक्ति दोष हों तो हमेशा एक नोटबुक साथ रखें तथा अपने महत्वपूर्ण चीजों को लिख लिया करें और इसके अलावा भी कई और कारणों से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव मिलता हैं। श्री गोपाल, श्री गणेश, देवी नील सरस्वती ,नृसिंह, देवी त्रिपुरसुंदरी , बुद्ध और बुध देव की पूजा अर्चना करने पर भी बुध के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता हैं।

बुध अशुभ कब होता है ?


धागे ताबीज़, जल, बिभूतियाँ (राख) अपने पास जेब में रखने से या घर में रखने से। पत्थरों के पिंड रखने से। पीतल के बर्तन कोरे बंद हो। बहन, लड़की का धन मार लेना या उनसे धन मांगना। क्रोध करना ,बंद जुबान होना। पूछने पर जवाब न देना, वायदे का कच्चा होना। फ़ोन ,कैलक्यूलेटर, घड़ी आदि सामान खराब होने पर। भेड़ बकरी का मांस खाने पर।  घर में धर्म स्थान बदलने पर। किताबें चोरी करने पर। किसी बालक को मारना या सताने पर। तोते को मारने पर। घर में हरियाली बिल्कुल न होने पर। याददाश्त कमजोर होने पर।

बुध के विशेष उपाय-


पन्ना धारण करें या पारा या कलई धारण करें। नाक छिदवाए। लड़की, बहन, बुआ,मौसी की सेवा करें। दुर्गा पाठ करें या कन्याओं की सेवा करें। हलवा, कद्दू ( सीता फल ) मंदिर में दान करें। हरे रंग की चीजों का हिजड़ों को दान करें। भेड़, बकरी, तोते की सेवा करें। अंडा न खाएं। कांसे के कटोरी में सबूत हरी मूंग भरकर मंदिर में दान करें। बाजार के तोते वाले से एक जोड़ा तोता उसके बताएं हुए एक दाम में खरीदें तथा दाम कम कराएं और अश्विन के महीने के शुक्लपक्ष के बुधवार को राहुकाल रहित समय में वायु लग्न के उदय होने पर छोड़ दें। इससे बुध अति शुभ फलदायी बन जाते हैं। गोचर में जब कन्या राशि में बुध हों उस परिधि में प्राप्त कोई बुधवार अगर सर्वार्थसिद्धि योग या अमृतसिद्धि योग हो तो विशेष शुभ हो जाता हैं। भूलने की या स्मरण शक्ति दोष हों तो हमेशा एक नोटबुक साथ रखें तथा अपने महत्वपूर्ण चीजों को लिख लिया करें और इसके अलावा भी कई और कारणों से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव मिलता हैं। श्री गोपाल, श्री गणेश, देवी नील सरस्वती ,नृसिंह, देवी त्रिपुरसुंदरी, बुद्ध और बुध देव की पूजा अर्चना करने पर भी बुध के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता हैं।

बुध अशुभ कब होता है ?


धागे ताबीज़, जल, बिभूतियाँ (राख) अपने पास जेब में रखने से या घर में रखने से। पत्थरों के पिंड रखने से। पीतल के बर्तन कोरे बंद हो। बहन, लड़की का धन मार लेना या उनसे धन मांगना। क्रोध करना, बंद जुबान होना। पूछने पर जवाब न देना, वायदे का कच्चा होना। फ़ोन, कैलक्यूलेटर, घड़ी आदि सामान खराब होने पर। भेड़ बकरी का मांस खाने पर। घर में धर्म स्थान बदलने पर। किताबें चोरी करने पर। किसी बालक को मारना या सताने पर। तोते को मारने पर। घर में हरियाली बिल्कुल न होने पर।  याददाश्त कमजोर होने पर।

वेदों में बुध का दान -


नीला या हरा वस्त्र, स्वर्ण, कांसा, हरे मूंग की दाल, घी, गौरवर्ण पुष्प, अंगूर, हाथी दांत इत्यादि सवस्त्र भोज्य सहित, दक्षिणा एवं मंत्र उच्चारण द्वारा दान करें। मंत्र -ॐ ऐं स्त्रीं श्रीं बुधाय। जपसंख्या - १७०००, देवी त्रिपुरसुन्दरी, अधिदेवता नारायण, प्रत्यधिदेवता विष्णु, अत्रिगोत्र, वैश्य, स्वर्णमूर्ति, धनुराकृति, सिंघवाहन, बुद्धदेवता, सरलकाष्ठ चन्दन, पुष्पादि पीतवर्ण, धुप स्वघृत देवदारुकाष्ठ, बलि दधि मिश्रित अन्न, समिध अपमार्ग, दक्षिणा स्वर्णखंड। 

बुध के विषय में- 


बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी है। ये एक बालक एवं सौम्य ग्रह है। इनका दिन बुधवार है। अश्लेषा, ज्येष्ठा तथा रेवती इनके तीन नक्षत्र है। रवि एवं शुक्र इनके मित्र ग्रह है। 











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