Ashwini nakshatra ( Beta arietis )
अश्विनी -(परिवहन का सितारा)
अश्वनी नक्षत्र मेष राशि के 0° से 13°20 डिग्री तक के अंश को कहा जाता है। जिनके देवता देवताओं के जुड़वे भाई यानी वैद्य अश्विनी कुमार है। जिनके मस्तक और मुह घोड़े यानी अश्व के है। जिसके कारण वश इस नक्षत्र में जन्मे जातकों को अश्वारोही, चिकित्सक, डॉक्टर या रोग निदान के कार्य में निपुणता की संभावना विद्यमान रहती है। अश्विनी (परिवहन का सितारा) अश्व से वाहन, गाड़ी, परिवहन आदि की सूचना करता है। विचार:- नाक का मार्ग, नाक से संबंधित, गंध, नासिका, नासिका ध्वनि। सांस, साँस छोड़ना, साँस लेना। निरर्थक उक्ति, हकलाना इत्यादि। घोड़ा, घोड़ों से संबंधित, घोड़े की देखरेख करने वाला आदमी, घुड़सवार या परिवहन का कोई भी साधन। इस नक्षत्र से जल्दी करना, जल्दी जाना, पहुंचना, आना-जाना, प्राप्त करना इत्यादि का सूचक या अद्भुत कर्मों को पूरा करने वाला, अद्भुत सहायता देता हुआ आदमी, चिकित्सक, मरहम लगाने वाला, दुर्भाग्य से बचने के लिए खजाने को लाने वाला इत्यादि। शरीर का भाग घुटना। इस नक्षत्र में जन्मे जातक सुन्दर एवं बलिष्ठ होते है। उसकी आँखें चमकदार और बड़ी होंगी, उसका माथा चौड़ा होगा। नाक थोड़ी बड़ी होती है तथा जातक बहुत ही शांत और स्थिर प्रकृति के होंगे। लेकिन वह दूसरों की नज़र और दृष्टि से बचकर अपने कर्तव्यों का पालन करने में माहिर होगा। वह अपने फैसले के लिए बहुत दृढ़ संकल्पित होंगे। ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के देवता यमराज भी अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों के दृरसंकल्पित निर्णय को विफल करने में सक्षम नही।
ये अपनी सुविधानुसार कुछ न कुछ करते है। ये अपने कार्यों को भले ही अत्यंत धीर एवं स्थिरता के साथ करते हैं परन्तु बहुत ही सोच समझकर ही करते है। किसी भी काम को करने से पहले उसके परिणाम का आंकलन करके ही अपना पाव बढ़ाते है और एक बार कार्य प्रारम्भ करने पर अच्छे-बुरे या धर्म-अधर्म जो भी हो उस काम पूरा करके ही दम लेते है। जातक ईश्वर पर आस्थावान होते है परन्तु धर्म के विषय में कट्टरपंथी नहीं होते। प्राचीन पंथ में विश्वास होने पर भी उसके आधुनिकी करन पर ज्यादा जोर देते है। जो लोग इनको प्यार और सहानुभूति दिखाते है उनके लिए हमेशा वफादार रहते है तथा उनके लिए किसी भी हद तक जाकर अपने प्राण तक न्यौछावर कर सकते है। दूसरों के कष्ट के दिनों में इनसे अच्छा दोस्त कोई दूसरा नही होता। लेकिन अगर किसी कारणवश एक बार क्रोध आ तो इन्हें शांत करना या संभालना बहुत मुश्किल होता है। वह लोगों के चिंताओं के समय में सबसे अच्छा परामर्शदाता होता है परन्तु उसके आलोचना से डरता है और उस पर गुस्सा भी बहुत होता है। दूसरों की सलाह को उसके लिए कोई मायने नही रखती तथा आसानी से प्रभावित होने वालों में से नही होते। जातक बुद्धिमान होते है परन्तु कभी कभार किसी छोटी सी बात को बड़ा करने पर मानसिक अशांति के शिकार भी होते है। हमेशा बेपरवाह रहते है तथा अपने अपने घर के वातावरण को साफ सुथरा रखने की कोशिश में लगे रहते है। हर प्रकार के शिल्प की जानकारी इनको रहती है तथा साहित्य एवं संगीत के प्रति भी इनका रुझान रहता है। अश्विनी नक्षत्र के जातक असलियत में थोड़े कंजूस किस्म के होते है परन्तु अपने शौक के जरिये दूसरों के समक्ष प्रदर्शन के लिए धन का भरपूर व्यय भी करते है तथा किसी भी कीमत पर इनके शौक को पूरा करने पर मर मिटते है। ये अपने घर परिवार के लोगों से बहुत लगाव और प्यार करते है परन्तु इनके जिद की वजह से परिवारवाले इनको घृणा का पात्र समझते है। इनको थोड़ा बहुत प्यार इनके मातृकुल यानि मामा से मिल भी जाता है परन्तु बाहरी लोगों से इनको प्यार और प्रेम ज्यादा मिलता है। इनको आधासीसी, सिरदर्द एवं ह्रदय रोग की बीमारी का खतरा बना रहता है। जातक के ३० वर्ष तक कई उतार चढ़ाव एवं समस्याओं से घिरे रहते है। छोटी-मोटे विषय इनको कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ३० वर्ष के बाद से इनकी उन्नति का सफर शुरू हो जाता है।
ये अपनी सुविधानुसार कुछ न कुछ करते है। ये अपने कार्यों को भले ही अत्यंत धीर एवं स्थिरता के साथ करते हैं परन्तु बहुत ही सोच समझकर ही करते है। किसी भी काम को करने से पहले उसके परिणाम का आंकलन करके ही अपना पाव बढ़ाते है और एक बार कार्य प्रारम्भ करने पर अच्छे-बुरे या धर्म-अधर्म जो भी हो उस काम पूरा करके ही दम लेते है। जातक ईश्वर पर आस्थावान होते है परन्तु धर्म के विषय में कट्टरपंथी नहीं होते। प्राचीन पंथ में विश्वास होने पर भी उसके आधुनिकी करन पर ज्यादा जोर देते है। जो लोग इनको प्यार और सहानुभूति दिखाते है उनके लिए हमेशा वफादार रहते है तथा उनके लिए किसी भी हद तक जाकर अपने प्राण तक न्यौछावर कर सकते है। दूसरों के कष्ट के दिनों में इनसे अच्छा दोस्त कोई दूसरा नही होता। लेकिन अगर किसी कारणवश एक बार क्रोध आ तो इन्हें शांत करना या संभालना बहुत मुश्किल होता है। वह लोगों के चिंताओं के समय में सबसे अच्छा परामर्शदाता होता है परन्तु उसके आलोचना से डरता है और उस पर गुस्सा भी बहुत होता है। दूसरों की सलाह को उसके लिए कोई मायने नही रखती तथा आसानी से प्रभावित होने वालों में से नही होते। जातक बुद्धिमान होते है परन्तु कभी कभार किसी छोटी सी बात को बड़ा करने पर मानसिक अशांति के शिकार भी होते है। हमेशा बेपरवाह रहते है तथा अपने अपने घर के वातावरण को साफ सुथरा रखने की कोशिश में लगे रहते है। हर प्रकार के शिल्प की जानकारी इनको रहती है तथा साहित्य एवं संगीत के प्रति भी इनका रुझान रहता है। अश्विनी नक्षत्र के जातक असलियत में थोड़े कंजूस किस्म के होते है परन्तु अपने शौक के जरिये दूसरों के समक्ष प्रदर्शन के लिए धन का भरपूर व्यय भी करते है तथा किसी भी कीमत पर इनके शौक को पूरा करने पर मर मिटते है। ये अपने घर परिवार के लोगों से बहुत लगाव और प्यार करते है परन्तु इनके जिद की वजह से परिवारवाले इनको घृणा का पात्र समझते है। इनको थोड़ा बहुत प्यार इनके मातृकुल यानि मामा से मिल भी जाता है परन्तु बाहरी लोगों से इनको प्यार और प्रेम ज्यादा मिलता है। इनको आधासीसी, सिरदर्द एवं ह्रदय रोग की बीमारी का खतरा बना रहता है। जातक के ३० वर्ष तक कई उतार चढ़ाव एवं समस्याओं से घिरे रहते है। छोटी-मोटे विषय इनको कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ३० वर्ष के बाद से इनकी उन्नति का सफर शुरू हो जाता है।
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