राशि और लग्न अनुसार ये उपाय है गोपनीय
पाठकों जन्म कुंडली की विभिन्न राशि और लग्न का अपना अलग वजूद होता है तथा किसी भी राशि और लग्न के लिए जो उपाय अमृत के समान हो वो दूसरी राशि के लिए जहर का काम करता है। जब इंसान इन्ही राशि और लग्नानुसार सही उपाय द्वारा अपने रहन-सहन और लाइफ स्टाइल में परिवर्तन लाता है तो संघर्ष भरे इस जीवन की नैया भी सही रास्ते पर सही ढंग से चलने लगती है। वैसे तो संसार के कई लोग बिना राशि और लग्न का उपाय जाने अपने रुचि अनुसार अपना लाइफस्टाइल बना ही लेते है लेकिन गलत लाइफस्टाइल से जीवन में होने वाली गलतियों से आगे चलकर पछताने के अलावा कुछ भी नही रहता। इन्ही गलतियों को सुधारने के लिए अपने राशि या लग्नानुसार लाइफस्टाइल में कुछ परिवर्तन लाकर सुख-समृद्धि और सफलता का का मार्ग प्रशस्थ कर सकते है। कई पाठकों को पूजा पाठ या टोटकों को करने पर कोई लाभ नहीं होता जिसके के कारण इन उपायों से क्या फायदा होने वाला है ? ऐसा ख्याल होना लाजमी है लेकिन ज्योतिष अनुसार प्रत्येक राशि व लग्न वालों के जीवन जीने एक तरीका बताया गया है जो की लाभ-हानि के विचार से बदला नहीं जा सकता क्योकि इन उपाईयों की प्रमाणिकता का सवाल किसी के कर्म अनुसार दुर्भाग्यवान होने पर बदलता नही क्योंकि कोई ये उपाय करे न करे परन्तु असलियत में जीवन जीने का उपाय तो यही है और जिसके चलते कोई अपने मनमर्जी के लाइफस्टाइल को अपनाकर चाहे कैसे भी जी लें लेकिन वो नियम उसके अपने दिमाग की ही उपज होगी शास्त्र के अनुसार नहीं ऐसा मानकर चलें इसलिए इन उपायों से लाभ क्या होगा ये न देखकर इन्हीं नियम को अपनाते हुए जीवन जीना ही लाजमी है यह तय है। नीचे बारह राशि एवं लग्न अनुसार ये उपाय दिया गया है जिन्हें अपनाकर आप भी अपने व्येक्तित्व का विकास कर सकते है। इन उपायों में राशि या लग्न अनुसार वो गुणमर्म छिपा है जिससे आपकी प्रतिष्ठा, धन, व्यवसाय,कर्म, संतान, विवाह एवं भाग्य कि वृद्धि बिना रत्न,यन्त्र, कवच के ही जीवन को आसान बनाने का काम करता है। तो आईये प्राचीन गिरिधारी शर्मा जी द्वारा लिखित लाल किताब अनुसार जाने इन उपायों को।
मेष राशि या मेष लग्न का उपाय-
सदाचार का सदा पालन करें। रात्रि में सिरहाने एक गिलास पानी भरकर रखें। सुबह उस जलको किसी गमले में डाल दें। पुत्र के जन्म दिन पर नमकीन वस्तु विशेष रूप से बांटें। वैदिक नियमों का पालन करें।साधु-संतों, मां व गुरु की सेवा करें। काले, काने एवं अपाहिज व्यक्तियों से दूर रहें। मीठी वस्तुओं का व्यापार न करें। मंदिर में नंगे पांव जाएं। घर के दक्षिण में नीम का वृक्ष लगाएं। बहन, बेटी व बुआ को उपहार में मिठाई दें। विधवाओं की सहायता करें और आशीर्वाद लें। मीठी रोटी गाय को खिलाएं। डॉक्टर है तो रोगियों को मुफ्त दावा से सेवा करें।कोई वस्तु मुफ्त में न लें। हाथी दांत जाातक केे लिए हानिकारक है। लाल रंग का रूमाल हमेशा प्रयोग करें। घर में सोने की जगह मृगचर्म का प्रयोग में लाएं। गेहूं-गुड़ बालकों में बांटें। बायें हाथ में चांदी का छल्ला धारण करें।
वृष राशि या वृष लग्न का उपाय-
झूठी गवाही देने से बचें। प्रतिदिन एक नेक काम करें।परस्त्री का संग न करें। अति काम-वासना का त्याग करें। मूंग की दाल दान करें। शनिवार को सरसो या तिल दान करें। बछड़ा सहित गौ-दान करें। मोती धारण करें। वस्त्रों में परफ्यूम का प्रयोग करें। साफ सुथरे कपड़े धारण पहने। जूता या चप्पल जनवरी-फरवरी में न खरीदें। चांदी का छल्ला पहनें। चांदी चावल हमेशा पास रखें।चांदी का टुकड़ा नीम के पेड़ के नीचे दबाएं। कोई भी झूठी गवाही न दें। प्रतिदिन एक नेक काम करने का प्रयास करें। धोखाधड़ी न करें। रोमांस न करें।मनीप्लांट लगाएं पत्नी द्वारा नीले फूल जमीन में दबवाएं। घी का चिराग नियमित जलाएं। पत्नी कुछ-न-कुछ दान करे। शुक्रवार को उपवास रखें। घी,कपूर दूध, दही मंदिर में दान दें।
मिथुन राशि या मिथुन लग्न का उपाय-
तोता, भेड़ या बकरी न पालें। सूर्य और गुरु से संबंधित उपाय करें। घर में मनीप्लांट न लगाएं हरे रंगों का इस्तेमाल न करें। बेल्ट का प्रयोग न करें । बायें हाथ में चांदी का छल्ला धारण करें। उत्तर दिशा की तरफ विवाह की बात न करें। मिट्टी के बर्तन में दूध भरकर निर्जन स्थान में गाड़ें। हरे रंग की बोतल में गंगा जल भरकर सुनसान जगह दबाएं। तामसिक भोजन का परित्याग करें। जिंदा मछलियों को बाजार से खरीदकर नदी या तालाब में छोड़ दें। फिटकिरी से दांत साफ करें। पशु-पक्षी न पालें। दुग्ध और अक्षत धर्म स्थान में चढ़ाएं। छोटी कन्याओं का चरणस्पर्श करके उनसे आशीर्वाद लें। मूंग भिगोकर कबूतरों को दें। माता का हमेशा ख्याल करें।
कर्कट राशि या कर्कट लग्न का उपाय-
धार्मिक कर्मों को हमेशा करते रहें। तीर्थ स्थानों की यात्रा करने से किसी को न रोकें और यात्री को धन दें।अपना रहस्य किसी को न बताएं। घर में खरगोश न पालें। लोगों की पानी पिलाएं। सदाचार का पालन करें।२४ वर्ष से पूर्व विवाह न करें। पितरों के निमित्त पक्षियों को खिलाएं। सूर्य से संबंधित चीजें मंदिर में दान करें।दुर्गो पूजा करें। कन्यादान में सामान दें।सफेद वस्तुओं का व्यापार न करें। माता की सलाह से काम करें। तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित करें। माता से चावल और चांदी लेकर अपने पास रखें। पलंग में तांबे की कील लगाएँ। २४ वर्ष से पहले गृह-निर्माण न करें। चांदी के बर्तन में दूध पियें। घर की नींव में चांदी का टुकड़ा दफनाएं। बेटी या संतान को दूध एवं चांदी दें। तांबा, गेंहू और गुड़ का दान करें।
सिंह राशि या सिंह लग्न का उपाय-
मीठा खाकर ही कोई शुभ कार्य प्रारम्भ करें। रात्रि को रोटी का टुकड़ा आग में डालकर जलाएं। घर के अंतिम हिस्से के बायीं ओर का कमरा अंधेरा रखें। घर में हैंडपम्प का प्रयोग करें। चावल, चांदी व दूध का दान दें। मुफ्त के माल किसी से न लें। नारियल-तेल व अखरोट मंदिर में दान दें। दादी व माँ की सेवा करें। अंधों को भोजन कराने का प्रयास करें। रात्रि में चूल्हे की आग दूध से बुझाएं। बिना सींग की गाय को भोजन दें। मद्य-मांसादि का सेवन करना छोड़ें। एक तांबे का सिक्का गले में डालकर धारण करें। सदा सत्य बोलें। किसी का अहित न करें। अपने किये गए वायदे को निभाएं।वैदिक एवं सदाचार के नियमों का पालन करें। साला, दामाद एवं भांजे की सेवा करें।लाल बन्दरों को गुड़-गेहूं से बनी वस्तु खिलाएं। जेब मे चांदी हमेशा साथ रखें।चांदी का चौकोर सिक्का जमीन में दबाएं।
कन्या राशि या कन्या लग्न का उपाय-
पूजा का स्थान परिवर्तित न करें। चांदी की अंगूठी या चैन का इस्तेमाल करें। नए कपड़े पहनने से पहले उसे नदी के जल में धोकर ही इस्तेमाल करें। अपनी बेटी को मां जैसा प्यार दें। हरे रंग का रूमाल अपने पास रखें।घर में हरे रंगों का प्रयोग न करें। घर में तुलसी या मनीप्लांट के पौधे न लगाएं। मद्यपान न करें। शनि से संबंधित दान करें। चौड़े पत्ते वाले पेड़ घर में न लगाएं। ढक्कन सहित एक खाली घड़ा नदी में प्रवाहित करें। लाल या भूरे रंग का कुत्ता न पालें। दुर्गा सप्तसती का पाठ करें। छोटी कन्याओं के चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लें। किए गए वायदे को याद रखें और उनका पालन करें। अपशब्द न बोलें और न ही क्रोध करने से बचें। बुधवार को उपवास रखें। हरी वस्तुएं नदी के जल में प्रवाहित करें। पन्ना धारण करें। पुत्री को चांदी का नथ पहनाएं। काली नेकर धारण करें। छत पर वर्षा का जल रखें।
तुला राशि या तुला लग्न का उपाय-
स्त्री का हमेशा सम्मान करें। परिवार की कोई भी स्त्री नंगे पांव न चले। गाय को ग्रास दें। दहेज में कांसे के बर्तन अवश्य लें। अपने हिस्से का भोजन पशु-पक्षियों और गाय को खिलाएं। सास-ससुर से चांदी लेकर रखें।
यव और पीली सरसों मंदिर में दान करें। पत्नी हमेशा तिलक लगाए। ईश्वर पर पूर्ण आस्था रखे मद्यपान निषेध रखें। तवा, चिमटा, चकला और बेलन धर्म स्थान में दें। घर में पश्चिम दिशा की दीवार कच्ची रखें। चार पाव वाले जानवर का व्यवसाय करें। मक्खन, आलू और दही दान करें। पत्नी से पुनः शादी करें। घर में संगीत, वाद्य व नृत्य का परित्याग करें। वैदिक नियमों का पालन करें। गौ-ग्रास रोज दें। माता-पिता के कहे अनुसार विवाह करें। पति-पत्नी गुप्त स्थानों (गुप्तांग) को दूध से साफ करें। ईश्वर के नाम पर कोई दान स्वीकार न करें। मंदिर में जाकर प्रणाम करें। नाले में फूल या तांबे का सिक्का डालें। घर की बुनियाद में चांदी और शहद डालें।
वृश्चिक राशि या वृश्चिक लग्न का उपाय-
प्रात:काल शहद का सेवन करें। मंगलवार को उपवास रखें। हनुमानजी को सिंदूर और चोला चढाएं। शहद, सिंदूर और मसूर की दाल नदी में प्रवाहित करें। बड़ों की सेवा करें। मृगचर्म पर रात्रि को शयन करें। तंदूर की मीठी रोटी बनाकर गरीबों को खिलाएं। बड़े भाई की सेवा करें। लाल रूमाल का प्रयोग करें। दूध उबलकर जमीन पर न गिरे इसका ध्यान रखें। अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों में शहद और सिंदूर रख घर में स्थापित करें। चांदी के पात्र में भोजन करें। घर में लाल रंग का प्रयोग अवश्य करें।गुड़, चीनी या खांड चींटियों को डालें। लाल गुलाब दरिया में प्रवाहित करें। मंदिर में जाकर बूंदी या लड्डू का प्रसाद चढ़ाकर बांटें। पीपल व कीकर के वृक्ष न काटें। किसी से मुफ्त का माल न लें। भाभी की सेवा करें।
धनु राशि या धनु लग्न के उपाय-
बृहस्पतिवार को व्रत रखें। हरिवंश पुराण का पाठ करें।
चांदी के बर्तन में हल्दी लगाकर रखें। पीले फूल वाले पौधे लगाएं। गरुड़ पुराण का पाठ करें। ब्राह्मण, साधु एवं कुलगुरु की सेवा करें। पीपल की सेवा करें। किसी को भी धोखा न दें। गुरु, वैष्णव, साधु को पीले वस्त्र दान में दें ।पीपल का पूजन करें। गुरुवार का व्रत रखें। तीर्थ यात्रा करें। तीर्थ यात्रा के लिये यात्री को धन दें।सदा सत्य बोलें और धार्मिकता का पालन करें। कोई भी कार्य शुरू करने से पहले नाक साफ करें। तांबे का सिक्का प्रवाहित करें। पीला रूमाल हमेशा साथ रखें। सोने का आभूषण धारण करें। मंदिर में घी, दही, आलू और कपूर दान दें। भिखारी को दान में कुछ दे दिया करें। गंगा जल का पियें या गंगा स्नान करें।पिता के कपड़ों का प्रयोग करें। झूठी गवाही न दें। गुरुवार को पीपल में जल प्रदान करें।
मकर राशि या मकर लग्न के उपाय-
घर के किसी हिस्से को अंधेरा न रखें। पूर्व दिशा वाले कमरे में निवास करें। केतु का उपाय करें। बन्दरों की सेवा करें। गीली मिट्टी से तिलक करें। कुएं में दूध डालें। भैंसों को भोजन दें। चलती नदी में शराब प्रवाहित करें। काला नीला व कपड़ा न धारण करें। स्वर्ण या केसर हमेशा अपने पास रखें अखरोट मंदिर में चढ़ाए । ४८ वर्ष से पहले घर न बनवाएं। चमड़े या लोहे की बनी नयी वस्तु न खरीदें। मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर निर्जन स्थान में दबाएं। बांसुरी में चीनी भरकर सुनसान जगह गाड़े।दूध में चीनी मिलाकर बरगद के वृक्ष में डालें। परायी स्त्री या पुरुष पर नजर न डालें।झूठ न बोलें। सपेरे को पैसे दें। मद्यपान या मांसाहार न करें।
कुम्भ राशि या कुम्भ लग्न के उपाय-
४८ वर्ष से पहले अपना मकान न बनवाएं। मांस का भक्षण न करें। दक्षिण दिशा वाले मकान का परित्याग करें। मकान में चांदी की ईंट रखें। थोड़ा सा दूध नहाने के पानी में डालकर स्नान करें। गेहूं, गुड़ तथा कांसा मन्दिर में दान करें। चांदी का चौकोर टुकड़ा गर्दन में बांधें। केसर या हल्दी का तिलक करें। सोना धारण करें। घर के अंतिम हिस्से की दीवार पर खिड़की न लगवाएं। असत्य भाषण न करें। शनिवार उपवास रखें।भैरव मंदिर में शराब चढ़ायें। तेल और तिल का दान करें। अपने पास चांदी का टुकड़ा रखें। सपेरे को पैसे दें। मुख्य द्वार पर अंधेरा रखें। छत पर लकड़ी, कोयला आदि आदि न रखें। बृहस्पति का उपाय करें सरसों का तेल रोटी में लगाकर गाय को खिलाएं। जेब में छोटी-छोटी चांदी की गोलियां रखें।
मीन राशि या मीन लग्न के उपाय-
सिर पर शिखा रखें। गुरु, वैष्णव व साधु-संतों की सेवा करें तथा किसी मंदिर की साफ सफाई का काम करें।बृहस्पति की चीजों का दान करें। स्त्री या पति की सलाह से व्यापार करें। मुर्गे को दाना डालें। मन्दिर में दो पिले वस्त्र श्री कृष्ण या पितृतुल्य वृद्ध ब्राम्हण या गुरुजी को दान करें। किसी से दान न लें या मदद लेने से दूर रहें। अपने ईश्वर और भाग्य पर भरोसा करें। सड़क या घर के सामने गड्ढा न रखें उन्हें भरें। केसर और हल्दी का तिलक करें। बड़ों की सेवा करें तथा मा दुर्गा का पूजा-पाठ करें। पिले बनियान पर लाल रंग का स्वस्तिक निशान लगाएं। किसी के सामने न नहाएं। घर पर एवं मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। कुलपुरोहित या पिता की उम्र के ब्राम्हण का आशीर्वाद प्राप्त करें। पीपल के वृक्ष में गुरुवार से नियमित जल दान करें। कुंडली में गुरु अशुभ होने पर मंदिर से प्रसाद न ग्रहण करें। सोने को पीले वस्त्र में मोड़कर कर घर के उत्तर दिशा में रखें।
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