ध्रुव की कहानी

Kaushik sharma
0
ध्रुव की कहानी हिंदू धर्म में एक प्रसिद्ध कथा है। यह एक छोटे बालक की कहानी है जो भगवान विष्णु के प्रति अपने अटूट भक्ति के कारण उत्तरी ध्रुव तारे के रूप में प्रतिष्ठित हुआ। श्री विष्णु भक्त के रुप अमर है भक्त ध्रुव।
ध्रुव की कहानी


ध्रुव की कहानी इस प्रकार है:


एक बार, राजा उत्तानपाद की दो रानियां थीं, सुनीति और सुरुचि। सुनीति राजा की पहली पत्नी थी, जबकि सुरुचि उनकी दूसरी पत्नी थी। सुरुचि राजा की प्रिय पत्नी थी, और वह अपने सौतेले बेटे ध्रुव से ईर्ष्या करती थी।


एक दिन, राजा अपने दोनों बेटों, ध्रुव और उत्तम के साथ बैठे थे। सुरुचि ने ध्रुव को गोद से उतार दिया और अपने बेटे उत्तम को गोद में बिठा दिया। फिर उसने ध्रुव से कहा, "तू मेरे गर्भ से पैदा नहीं हुआ है, इसलिए तू राजा नहीं बन सकता। तू अगर राजा बनना चाहता है, तो भगवान विष्णु की भक्ति कर।"


ध्रुव एक छोटा बालक था, लेकिन वह बहुत बुद्धिमान था। उसने अपनी मां की बात सुनी और भगवान विष्णु की भक्ति करने का निश्चय किया।


ध्रुव ने अपने माता-पिता से अनुमति मांगी कि वह वन में जाकर भगवान विष्णु की भक्ति करे। राजा और रानी ने उसे जाने दिया।


ध्रुव वन में गया और एक पेड़ के नीचे बैठ गया। उसने भगवान विष्णु की आराधना करना शुरू कर दिया। वह दिन-रात भगवान विष्णु का नाम जपता रहा।


भगवान विष्णु ध्रुव की भक्ति से प्रसन्न हुए। उन्होंने ध्रुव को दर्शन दिए और उसे वरदान दिया कि वह हमेशा उत्तर दिशा में स्थिर रहेगा।


ध्रुव को उत्तरी ध्रुव तारे के रूप में प्रतिष्ठित किया गया। वह आज भी उत्तर दिशा में स्थिर है, और वह यात्रियों और नाविकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।


ध्रुव की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह हमें बताती है कि अगर हम सच्चे मन से भगवान की भक्ति करते हैं, तो हम अपने जीवन में असंभव को भी संभव कर सकते हैं।


ध्रुव की कहानी से हमें निम्नलिखित शिक्षाएं मिलती हैं:


भगवान की भक्ति ही जीवन का परम लक्ष्य है। सच्ची भक्ति से भगवान प्रसन्न होते हैं और हमें मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। असत्य और अधर्म पर सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है। ध्रुव की कहानी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण कथा है। यह हमें भगवान की भक्ति और सच्चाई के महत्व के बारे में सिखाती है।

भगवान विष्णु ने उसका आशीर्वाद दिया और उसे ध्रुव नक्षत्र बना दिया, जो आज भी हमारे आसमान में दिखाई देता है। इस कहानी के माध्यम से हमें ध्यान और समर्पण की महत्वपूर्ण शिक्षाएं मिलती हैं।


🌐 विभिन्न ज्योतिष पोस्ट
👉 वैकुण्ठ चतुर्दशी
👉 मधुराष्टकं

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Please do not insert any spam link in the comment box.

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top