4 सितंबर को देवगुर बृहस्पति होंगे वक्री। देवगुरु को भाग्य का कारक माना गाया है। वर्तमान में गुरु मेष राशी में विराजमान होकर 4 सितंबर को होंगे वक्री।
देवगुरु बृहस्पति सभी देवताओं के गुरु है। इन्हें सौम्य और शुभ ग्रह माना गया है। इनका वार गुरुवार है। ये कर्कट राशि में उच्च और मकर राशि इनका नीच होते है। पुर्नवसु, विशाखा और पूर्वभाद्रपद इनके तीन नक्षत्र है। चंद्र, सूर्य तथा मंगल इनके मित्र ग्रह है। इनकी कृपा से मनुष्य को आध्यात्मिक उन्नति,पारदर्शी ज्ञान, सौभाग्य की वृद्धि, संतान की उन्नति, शिक्षा एवं धन-धान्य की वृद्धि होती है। 4 सितंबर से गुरू मेष राशी में वक्री होने जा रहे है। इनके वक्री होने पर इन राशीयों का होगा सौभाग्य उदय। चलिए जानें किन राशियों पर कैसा होगा शुभ प्रभाव।
मेष राशि
पद-प्रतिष्ठा और मान- सम्मान में होगी वृद्धि।
कर्मों में सफलता प्राप्त करेंगे।
विद्यार्थियों के लिए ये समय विशेष शुभ।
धन और आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
किए गए कार्यों की होगी तारीफ।
परिवारिक संबंध मजबूत होगा।
दांपत्य जीवन मधुमय रहेगा।
मिथुन राशि
क्रय-विक्रय और लेन-देन के लिए होगा शुभ।
निवेश के लिए ये समय लाएगा फायदा।
धन आगमन एवं आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
नौकरी और व्यापार में तरक्की के योग बन रहे हैं।
वृश्चिक राशि
व्यापार और नौकरी के लिए समय शुभ होगा।
पद-प्रतिष्ठा और मान- सम्मान में होगी वृद्धि।
धन और आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
नई नौकरी मिलने के आसार या नौकरी में शुभता।
सभी काम सोच विचार कर ही करें।
धनु राशि
परिवार और दांपत्य जीवन में शुभता की वृध्दि।
बुद्धि और ज्ञान की प्रखर वृध्दि।
नौकरी और भाग्य की वृध्दि।
आनंद की वृध्दि, मन में शुकून।
धनलाभ के आसार स्पष्ट।
संतान के तरफ से समय मंगलमय।
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