Bhagya sukta ( भाग्य सूक्त ) सोए हुए भाग्य को जगाएं।

Kaushik sharma
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अपने ही पूर्वजन्म के घोर पाप कर्मों द्वारा जन्मे दुर्भाग्य कलियुग में इंसान को तीतर बितर कर देता है। वो कभी इस और भटकने लगता है तो उस और ऐसे में दुर्भाग्यवश उसका भाग्य सुप्त ( सोया हुआ ) प्रतीत होने लगता है। आपके ऐसे ही सोये हुए भाग्य को जगाने के लिए ऋग्वेद में वर्णित भाग्य सूक्त प्रस्तुत है जिसे रोजाना पाठ करके आप भी बन जाएंगे अत्यंत सौभाग्यवान। पंचांग द्वारा किसी भी शुभ दिन से इसका श्रवण या पाठ करने से व्येक्ति सौभाग्यशाली होने लगता है। हिंदी और इंग्लिश अनुवाद सहित प्रस्तुत है ऋग्वेदीय भाग्य सूक्त।


(Bhagya Suktam)
भाग्य सूक्तम्


ऊँ प्रातरग्निं प्रातरिन्द्रं हवामहे प्रातर्मित्रा वरुणा प्रातरश्विना ।

प्रातर्भगं पूषणं ब्रह्मणस्पतिं प्रातस्सोममुत रुद्रँ हुवेम ॥१॥


- हम प्रात: के समय पर अग्नि, वरुण, इन्द्र, मित्र, अश्विन कुमार, भग, पूष, ब्रह्मनास्पति, सोम और रूद्र का आवाहन करते हैं।

At dawn, we invoke Agni (the fire deity), Indra (the rain deity), Mitrā (the Sun) and Varuṇa (the deity of the ocean); the Aśvins (the celestial physician twins), Bhaga (the deity of wealth), Puṣan (the Sun as the deity of nutrition), Bṛahmaṇaspati (the preceptor of the gods), Soma (the Moon), and Rudra (the god of dissolution)


प्रातर्जितं भगमुग्रँ हुवेम वयं पुत्रमदितेर्यो विधर्ता ।
आद्ध्रश्चिद्यं मन्यमानस्तुरश्चिद्राजा चिद्यंभगं भक्षीत्याह॥२॥


हम शक्तिशाली, युद्ध में जीतने वाले भग का आवाहन करते हैं जिनके बारे में सोचकर राजा भी कहते हैं की हमें भग दीजिए।

We invoke at dawn, the fierce Bhaga, the son (manifestation) of Aditi (the Cosmic Power), who is the very sustainer of the creation. Whether a pauper, a busy person, or a king; everyone worships and contemplates upon Bhaga saying, 'I would worship Bhaga.'


भग प्रणेतर्भगसत्यराधो भगेमां धियमुदवददन्नः।
भगप्रणो जनय गोभि-रश्वैर्भगप्रनृभि-र्नृवन्तस्स्याम ॥३॥


हे भग हमारा मार्गदर्शन करें ,आपके उपहार अनुकूल हैं ,हमें ऐश्वर्य दीजिये हे भग! हमें घोडे {सवारी }, गाय और योद्धा वंशज दीजिए।

O Bhaga! The great leader, and truth is your wealth. Bestow it upon us, and elevate our intellect and protect it. Bless us with cattle-wealth, horses, and descendants and followers.


उतेदानीं भगवन्तस्यामोत प्रपित्व उत मध्ये अह्नाम्।

उतोदिता मघवन् सूर्यस्य वयं देवानाँ सुमतौ स्याम ॥४॥


कृपा कीजिये कि अब हमें सुख-चैन मिले , और जैसे जैसे दिन बढ़ता जाये, जैसे -जैसे दोपहर हो , शाम हो हम देव कृपा से प्रसन्न रहे।

May we be blessed by Bhaga now (during this fire-ritual), and when the light approaches, or at midday. O Lord Indra! At sunset also, may we still find favor of the Sun, and other gods.


भग एव भगवाँ अस्तु देवास्तेन वयं भगवन्तस्स्याम।
तं त्वा भग सर्व इज्जोहवीमि सनो भग पुर एता भवेह॥५॥


हे भग आप परमानंद प्रदान करें और आपके द्वारा देव हमें प्रसन्नता से स्वीकार करें हे भग हम आपका आवाहन करते हैं ,आप यहाँ हमारे साथ आयें।

May Bhaga, (and) the gods be the possessor of good fortune, and through Him, may we may be blessed with good fortune by that god. Everyone including myself invite you to bring in good fortune. O Bhaga! Kindly lead us being present in the ritual.


समध्वरायोषसोऽनमन्त दधिक्रावेव शुचये पदाय।
अर्वाचीनं वसुविदं भगन्नो रथमिवाश्वावाजिन आवहन्तु॥६॥


इस प्रकार प्रतिदिन भग यहाँ आयें {पवित्र स्थान जैसे दधिक्रावन }जैसे शक्तिशाली घोड़े रथ को खींचते हैं वैसे ही भग का यहाँ आवाहन किया जाये।

May the presiding deities of the early morning-hour arrive here, like the horse that puts its foot in the place of Vedic ritual for establishing the fire altar. May they bring Bhaga, the Lord of wealth, as speedily as swift horses pulling a chariot.


अश्वावतीर्गोमतीर्नउषासो वीरवतीस्सदमुच्छन्तु भद्राः।
घृतं दुहाना विश्वतः प्रपीनायूयं पात स्वस्तिभिस्सदा नः॥७॥


इस प्रकार कृतार्थ सुबह हमें प्राप्त हो हमें हमें सुपुत्र, घोडे, पशु, दुग्ध और योधा रिश्तेदार प्राप्त हो हे देव हमें अपने आशीर्वाद दीजिये।
May the presiding deities of the Dawn bless us with many horses and cattle, and plenty of milk and milk-products. May these auspicious gods bless us with good progeny, and nourish all life. May they proclaim auspiciousness in the place of worship. May they always ensure our good fortune


यो माऽग्नेभागिनँ सन्तमथाभागं चिकीर्षति।
अभागमग्ने तं कुरु मामग्ने भागिनं कुरु ॥८॥


Oh Fire , the participating saints have offered the present offering. Oh fire let that portion be made that of the participators.












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