Nagkeshar ke upai- नागकेसर के उपाय

Kaushik sharma
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Nagkeshar ke upai


भारत के ornamental पेड़ों में नागकेसर सदियों से जनसमूह में प्रसिद्ध एक वृक्ष है। देवादिदेव महादेव को प्रिय इस वृक्ष महिमा भी अपरम्पार है। नागकेशर तंत्र के जानकार इस वृक्ष को परम कल्याणकारी एवं समृद्धिदायक मानकर बड़े चाव से गृह या वास्तु में इस वृक्ष को लगाने का प्रयास अवश्य करते है।


समृद्धि कारक-


पीले कपड़े में नाग केशर, हल्दी, सुपारी, ताॅबे का एक सिक्का व चावल लेकर फिर धूप-दीप से पूजन करके शिव के सम्मुख रखकर यदि गल्ले या दुकान में रखेगें तो समृद्धि आयेगी।


धन प्राप्ति-


जिस पूर्णिमा को सोमवार हो, उस दिन नागकेशर के फूल लेकर शिवलिंग पर पाॅच बेलपत्र के साथ चढ़ायें व चढ़ाने से पूर्व शिवलिंग को कच्चे दूध, दही, घी, शक्कर, गंगाजल, से धोकर पवित्र कर लें। बेलपत्र व नागकेशर की संख्या बराबर होनी चाहिए। ये नित्य प्रति अगली पूर्णिमा तक चढ़ाते रहें। अंतिम दिन चढ़ाये गये फूल व बेलपत्र में से एक पुष्प अपने साथ लाकर घर, दुकान या आॅफिस में लाकर रखें। ऐसा करने से धीमे-धीमे धन की स्थिति मजबूत होने लगती है।


दीपावली के दिन किसी भी शुभ मुहूर्त में नागकेसर और 5 सिक्के एक कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से घर में कभी पैसों की तंगी नहीं होती।

आर्थिक तंगी से बचने के लिए चांदी की छोटी डिब्बी में नागकेसर और शहद बंद करके तिजोरी में रखने से लाभ होगा। हर दीपावली पर इसे बदलते रहें। इसमें नागकेसर व शहद भरकर शुक्ल पक्ष के शुक्रवार की रात को या अन्य किसी शुभ मुहूर्त में अपने गल्ले या तिजोरी में रख दें। आपकी धन में अचानक वृद्धि होने लगेगी।


नगकेसर, हल्दी, सुपारी, एक सिक्का, तांबे का टुकड़ा व अक्षत को कपड़े में बांध कर दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा में रखें। पूजा के पश्चात इस पोटली को तिजोरी में रख दें।

दिवाली से लेकर प्रतिदिन केसर का तिलक लगाने से घर में होने वाले कलह से छुटकारा मिलता है।

कपड़े में नागकेसर लपेटकर तिजोरी में रखने से धन के आगमन में कभी कमी नहीं आती।

दीपावली के दिन नागकेसर से घर के बाहर और पूजा स्थल पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। तंत्र क्रियाओं में नागकेसर को बहुत ही शुभ वनस्पति माना गया है। तंत्र के अनुसार नागकेसर एक धनदायक फूल है।



हर शुक्रवार को 1 नागकेसर का फूल लें और इसकी पूजा करें। इसके बाद इसे एक साफ सफेद कपड़े में लपेटकर अपनी दुकान के गल्ले या अपने ऑफिस के केश बॉक्स में रखें तो धन की आवक कभी कम नहीं होगी।


व्यापार में हानि हो रही है तो किसी शुभ मुहूर्त में निर्गुण्डी (एक प्रकार की वनस्पति) की जड़, नागकेसर के फूल और पीली सरसों के दाने एक छोटी पोटली में बांधकर दुकान के बाहर टांग दें। इससे व्यापार में वृद्धि होती है।


नागकेसर के फूल, साबूत हल्दी, सुपारी, एक सिक्का, तांबे का टुकड़ा और चावल को कपड़े में बांध दी लक्ष्मी के सामने रखें और पूजा करें। बाद में इस पोटली को अपनी तिजोरी में रखें। इससे घर में बरकत बनी रहेगी।

कलह से छुटकारा-


दिवाली से लेकर प्रतिदिन केसर का तिलक लगाने से घर में होने वाले कलह से छुटकारा मिलता है।



तेज़ व ओज वृद्धि-


नागकेशर, चमेली के पुष्प, अगर, तगर, कुमकुम व घी का लेप बनाकर मस्तक पर लगाने से व्यक्ति तेजवान बनता है।




आकर्षण करने हेतु-


रविपुष्य योग में या किसी शुभ तिथि में नागकेशर, चमेली के फूल, कूट, तगर, कुमकुम, गाय का घी इन्हें घोटकर तिलक करने से लोग आपके व्यक्तित्व की तरफ आकर्षित होंगे।


गर्भधारण-


गर्भवती-पीपल, सोंठ, कालीमिर्च और नागकेसर इन सभी को बराबर मात्रा में पीसकर छान लें उसके बाद इसमें घी मिलाकर 7 दिन तक लगातार खाने से बाॅझ स्त्री को भी स्त्री भी गर्भवती हो जाती है। गर्भ ठहरने में मदद करता है।
नागकेसर और सुपारी का चूर्ण सेंवन करने से भी गर्भ ठहर जाता है।
माशे नागकेशर, गाय के दूध के साथ 7 दिन तक पीने से बाॅझ स्त्री को भी पुत्र की प्राप्ति होती है।


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