Ratna dharan ke niyam

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Ratna dharan ke niyam

रत्न धारण के नियम







Ratna dharan ke niyam

ग्रहों के रत्न शुक्लपक्ष में संबंधित ग्रह वाले  दिन धारण करने चाहिए। यदि उस दिन चन्द्रमा उस ग्रह के नक्षत्र में गोचर कर रहा हो, तो वह सर्वश्रेषठ मुहर्त होगा। विभिन्न रत्नों के धारण हेतु चन्द्रमा का किन ग्रहों में नक्षत्रीय गोचर शुभ होगा इसका विवरण निम्नलिखित प्रकार से जाना जा सकता है विभिन्न रत्नों के   धारण करने हेतु शुभ नक्षत्रों के नाम का उल्लेख नीचे दिया गया है।

ग्रह                  नक्षत्र

माणिक्य -  कृतिका, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा
मोती -       रोहिणी, हस्त, श्रवण
मूँगा -        मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा
पन्ना -        आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती
पुखराज-    पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद
हीरा -        भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा
नीलम -      पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद
गोमेद -       आर्द्र  स्वाति, शरतभिषा
लहसुनिया - अश्विनी, मघा, मूला  

रत्न धारण से पहले जापित मंत्र

रत्न धारण के समय संबंधित ग्रह का मंत्र कम से कम 108 जप करना चाहिए वरना रत्न धारण के फल में न्यूनता आती है। विभिन्न ग्रहों के मंत्र नीचे दिए गए है-

सूर्य- ॐ घृणि सूर्याय नमः
चंद्र - ॐ एं क्लिं सोमाय नमः
मंगल - ॐ अं अंगारकाय नमः
बुध - ॐ बुं  बुधाय नमः
बृहस्पति - ॐ बृं बृहस्पतये नमः
शुक्र - ॐ शुं शुक्राय नमः
शनि - ॐ शं शनिश्चराय नमः
राहु - ॐ रां राहवे नमः
केतु - ॐ कें केतवे नमः 

जानें ग्रहों से सम्बंधित रत्न तथा रत्न धारण के बाद दान आवश्यक रूप से दिया जाने वाला दान। धारणीय ग्रह के रत्न और तद संबंधित दान सामग्री के विषय में नीचे दिया जा रहा है। 

ग्रह -     रत्न                दान वस्तुएं 

सूर्य -  माणिक्य      गेहूँ, गुड़, चंदन, लाल वस्त्र
चंद्र -    मोती           चावल, चीनी, चाँदी, श्वेत वस्त्र
मंगल -  मूंगा           गेहूँ, गुड़, ताँबा, लाल वस्त्र
बुध -    पन्ना           कस्तूरी, कांसा, हरे वस्त्र
गुरु -   पुखराज        चने की दाल, हल्दी, पीला वस्त्र
शुक्र -    हीरा           चावल, चाँदी, घी, सफेद वस्त्र
शनि -  नीलम          तिल, तेल, उड़द, नीले एवं काले वस्त्र
राहु -   गोमेद           तिल, तेल, नीले वस्त्र, जटा नारियल
केतु - लहसुनिया       सप्तधान्य, नारियल, धूम्र वस्त्र 

रत्न जड़वाने के लिए उचित धातु-

रत्न                धातु 

माणिक्य        सोना या तांबा
मोती             चांदी
मूंगा              सोना या तांबा
पन्ना              सोना
पुखराज         सोना
हीरा              प्लेटिनम या चांदी
नीलम            पंचधातु
गोमेद            अष्टधातु 
लहसुनिया       सोना

रत्न धारण का समय

रत्न धारण सूर्योदय से एक घंटे तक के अंदर धारण करें। बुधवार को छोड़कर दिन के दोपहर के अभिजीत मुहूर्त में भी रत्न धारण के लिए शुभ माना गया है। 


👉 वैकुण्ठ चतुर्दशी
👉 मधुराष्टकं


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