30 जून तक रहेगा कोरोना का प्रभाव
ज्योतिष में जब एक ही राशि में शनि मंगल की उपस्थिति हो तो पृथ्वी पर कई अनहोनियों को लेकर आता है। वर्तमान ग्रह गोचर अनुसार आगामी 30 मार्च से बृहस्पति मकर राशि में स्थित हो रहा है तथा आगामी 30 मार्च को गुरू के मकर गोचर के साथ ही मकर राशि में मंगल और शनि की युति की शुरुआत हो जाएगी। मकर राशि में मंगल और शनि और गुरु की युति 2020, 30 मार्च से शुरू होने वाली है। मकर में गुरू, मंगल और शनि का यह युति आगामी 4 मई तक रहेगी तथा इनकी उपस्थिति से पृथ्वी पर कई तरह से शुभाशुभ फलों का प्रभाव देने वाली है। ज्योतिष गणना अनुसार मंगल-शनि की यह खतरनाक युति चूंकि 4 मई तक रहने वाली है इस वजह से लगभग 4 मई तक रहने से कोरोना का शक्तिशाली प्रभाव का 4 मई तक विशेष रूप से व्यापित रहेगा परंतु 4 मई के बाद मंगल कुम्भ राशि में प्रवेश करने पर यद्यपि मंगल-शनि की युति नही रहेगी परंतु पुनः मंगल का प्रवेश शनि के कुम्भ राशि पर और 45 दिनों तक रहने से कोरोना का प्रभाव काफी हद तक बरकरार रहेगा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। 18 जून तक मंगल का शनि प्रभावित कुंभ में रहने के बाद 19 जून को मंगल पूर्ण रूप से शनि के प्रभाव से मुक्त होकर मीन राशि में प्रवेश करेगा। मंगल के गुरु के राशि के प्रवेश के बाद इस भयंकर बीमारी के विषय में शोध को एक निर्णायक गति मिलेगी जिसके चलते इस बीमारी के उपचार और सही दवा संबंधी खोज पूर्ण होने की संभावना को बल मिलेगा जिसके चलते इस बीमारी से निजात पाने में सहायता मिलना शुरू होगा। ज्योतिष तथ्य द्वारा ये माना जा सकता है 18 जून के बाद कोरोना के मारक प्रभाव के कम होने का मार्ग प्रसस्थ होगा जिससे जन साधारण से भय और चिंता का प्रकोप भी कम होना शुरू हो जाएगा। सम्पूर्ण रूप से 30 जून से गुरु के मकर राशि से धनु में प्रवेश के बाद से चलने लगेगी कोरोना महामारी से त्रासीत हुए सभीजनों की स्वाभाविक दिनचर्या।