भारत के प्राचीन "कामरत्नम" नामक ग्रंथ में सुर्दर्शन वृक्ष तंत्र के प्रमाणिकता का विवरण मिलता है तथा प्राचीन वैदिक काल से ही इस वृक्ष के तंत्र-प्रयोग होते रहे है। सुदर्शन वृक्ष की जड़ को कलाई में पहनकर यदि कोई संग्राम या युद्ध में जाता है तो सुदर्शन चक्रधारी श्री कृष्ण की कृपा से विजयी होता है। सुदर्शन वृक्ष का
ज्यादातर तंत्र प्रयोग किसी राजा, महाराजा या राजकर्मचारी जो कि ( वर्तमान समय में मंत्री या सरकारी मुलाजिम ) को वश में करने के लिए किया जाता है । ऐसा कैसे होता है ? उसका उल्लेख भी इसी ग्रंथ में दिया गया है । किसी भी चुनाव को जीतने के लिए सुर्दर्शन का वृक्ष एक रामबाण के तरह काम करता है बोटानिकल नाम - क्रिनम पेण्डनकूलाटम (Crinum pendunculatam) है। इंग्लिश में स्वाम्प लिली, रिवर लिली अथवा मैन्ग्रोव लिली। Swamp lil, river lily or mangrove lily in english भी कहा जाता है।
कोर्ट-केस में फंसे हुए व्येक्ति यदि सुदर्शन की जड़ को कलाई में पहनकर कचहरी में जाए तो वो अवश्य ही जीत हासिल करता है तथा इस जड़ी के प्रभाव से अपने नगर या कस्बे में लोकप्रिय होता चला जाता है । जिस वास्तु या घर में यह वृक्ष होता है वहा ऊपरी हवा, पिशाच बाधा, भूत-प्रेत या नकारात्मक ऊर्जा का भय नही रहता । सुदर्शन वृक्ष घर के वायुमंडल में चक्र की भांति एक रक्षाचक्र का निर्माण
करता है जो साधारणतः दृष्टिगोचर नही होता । प्राचीन कामरत्नम ग्रंथ में यह उल्लेख है कि "करे सौदर्शनं बध्वा स राजप्रियो भवेत" । यानी कलाई पर सुदर्शन की जड़ बांधने पर राजा का प्रियपात्र होता है । वैदिक नियमनुसार सुदर्शन की जड़ को रविपुष्यामृत में प्राप्त कर "ॐ नमः विस्वरूपाय सर्वत्र विजयं कुरु कुरु स्वाहा" मन्त्र का कम से कम 108 बार जप द्वारा इसे सिद्ध कर लें उसके बाद प्रयोग में लाएं।
वास्तु में सुदर्शन वृक्ष को पूर्व दिशा के बीचोबीच न लगाकर भूखंड की पूर्वी चारदीवारी के पूर्व के मध्यमें लगाएं इस से ये घर की रक्षा के साथ साथ घर के सदस्यों की लोकप्रियता को भी बढ़ाता है । इसके अलावा रविपुष्यामृत योग में इस वृक्ष की जड़ के साथ तुलसी पत्र और कर्पूर को पीसकर किसी वस्त्र पर लेपन करें तथा उस वस्त्र की बत्ती बनाकर विष्णुक्रान्ता ( श्वेत अपराजिता ) के बीजों के तेल के दीपक में जलाकर सावधानी पूर्वक इसका काजल तैयार कर अपनी आंखों में काजल की भांति लगाकर किसी राजा, मंत्री या सरकारी मुलाजिम के पास जाने पर वशीकरण का काम करता है । वनस्पति तंत्र में किसी राजा, राजकर्मचारी या मंत्री का प्रियपात्र बनने के लिए सुदर्शन वृक्ष किसी वरदान से कम नही।
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