मोबाइल से बीमारी ( सावधानी )

Kaushik sharma
0
मोबाइल से बीमारी


मोबाइल फोन आधुनिक जीवन का एक अनिवार्य अंग बन गया है। यह संचार, मनोरंजन और सूचना के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। हालांकि, मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।


मोबाइल फोन से होने वाले रोगों के प्रकार


मोबाइल फोन से होने वाले रोगों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

शारीरिक रोग: मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इनमें आंखों की समस्याएं, सिरदर्द, अनिद्रा, चिंता और तनाव शामिल हैं।

मानसिक रोग: मोबाइल फोन की लत से मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। इनमें चिंता, अवसाद, सामाजिक अलगाव और मानसिक विकार शामिल हैं।


शारीरिक रोग


आंखों की समस्याएं: मोबाइल फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों के लिए हानिकारक हो सकती है। इससे आंखों में जलन, थकान और दर्द हो सकता है।

सिरदर्द: मोबाइल फोन की स्क्रीन को लंबे समय तक देखने से सिरदर्द हो सकता है।

अनिद्रा: मोबाइल फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद में बाधा डाल सकती है।

चिंता और तनाव: मोबाइल फोन की लत से चिंता और तनाव हो सकता है।

मानसिक रोग

मोबाइल फोन की लत: मोबाइल फोन की लत एक मानसिक विकार है। इससे व्यक्ति को अपने मोबाइल फोन से दूर रहने में कठिनाई होती है।

चिंता और अवसाद: मोबाइल फोन की लत से चिंता और अवसाद हो सकता है।

सामाजिक अलगाव: मोबाइल फोन की लत से सामाजिक अलगाव हो सकता है।

मानसिक विकार: मोबाइल फोन की लत से अन्य मानसिक विकार हो सकते हैं, जैसे कि डिप्रेशन, एंग्जायटी डिसऑर्डर और बिलीरुबिन डिसऑर्डर।


मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर होने की संभावना है, लेकिन यह संभावना बहुत कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन को "संभावित रूप से कैंसरजनक" (Group 2B) के रूप में वर्गीकृत किया है। इसका मतलब है कि पर्याप्त सबूत हैं जो बताते हैं कि मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन कैंसर का कारण बन सकता है, लेकिन अभी भी अधिक शोध की आवश्यकता है।


मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन एक प्रकार का रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) विकिरण है। RF विकिरण ऊर्जा की तरंगें हैं जो हमारे शरीर के माध्यम से यात्रा कर सकती हैं। जब ये तरंगें हमारे शरीर के ऊतकों से टकराती हैं, तो वे गर्मी उत्पन्न कर सकती हैं।


शोधकर्ताओं ने पाया है कि मोबाइल फोन से निकलने वाला RF विकिरण मस्तिष्क के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि, यह जोखिम बहुत कम है। एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग हर दिन 10 घंटे से अधिक समय तक मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, उनमें मस्तिष्क के कैंसर का 24% अधिक जोखिम होता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह अध्ययन केवल एक लिंक का सुझाव देता है, यह साबित नहीं करता है कि मोबाइल फोन मस्तिष्क के कैंसर का कारण बनते हैं।


मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के संपर्क को कम करने के लिए कुछ तरीके हैं:


अपने फोन को अपने सिर के पास रखने से बचें, खासकर जब आप सो रहे हों।

अपने फोन को अपने शरीर से कम से कम 20 सेंटीमीटर दूर रखें।

जब आप फोन का उपयोग नहीं कर रहे हों तो इसे स्विच ऑफ या साइलेंट मोड पर रखें।

हेडसेट या स्पीकरफोन का उपयोग करें।

बच्चों को मोबाइल फोन के संपर्क में आने से रोकने के लिए विशेष सावधानी बरतना चाहिए। बच्चों के सिर और शरीर का आकार वयस्कों की तुलना में छोटा होता है, जिससे उन्हें मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के संपर्क में आने का अधिक खतरा होता है।


कुल मिलाकर, मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर होने की संभावना बहुत कम है। हालांकि, कुछ सावधानियां बरतने से आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं।


मोबाइल फोन से रोगों से बचाव


मोबाइल फोन से होने वाले रोगों से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:


मोबाइल फोन का उपयोग सीमित करें।

मोबाइल फोन को आंखों के स्तर से नीचे रखें।

मोबाइल फोन का उपयोग करने से पहले उसे कान से कम से कम 10 सेंटीमीटर दूर रखें।

मोबाइल फोन को सोते समय अपने पास न रखें।

मोबाइल फोन को लंबे समय तक चार्ज न करें।


निष्कर्ष

मोबाइल फोन एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मोबाइल फोन से होने वाले रोगों से बचने के लिए इसके उपयोग को सीमित करना और सुरक्षा उपाय करना आवश्यक है।










एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Please do not insert any spam link in the comment box.

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top