सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु

Kaushik sharma
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  सुशांत सिंह राजपूत की जमकुण्डली में था अकालमृत्यु योग

सुशांत सिंह राजपूत की अकालमृत्यु, sushant singh rajput ki akalmrityu



जनमानस में आकस्मिक रूप से सुशांत की अकालमृत्यु के समाचार ने सभी के मन को झिझोरकर रख दिया। किसीने ऐसा नही सोचा था की खिलखिलाकर हँसने-हँसाने वाले और जिंदादिली की मिसाल कायम करने वाले सुशांत अपने युवा उम्र में ही हम सब को छोड़कर अगला जन्म लेने चले जायेंगे। क्या ऐसे युवा उम्र में होती है हर किसीकी मौत? कैसी थी उनकी जन्मकुण्डली ? क्या उनके जमकुण्डली में था अकालमृत्यु योग ? इन सभी प्रश्नों के सही तथ्य और रहस्य को जानने के लिए उनके जन्मकुण्डली को समझना अत्यंत जरूरी हो जाता है।  


                सुशांत सिंह राजपूत की जन्मकुण्डली

                            Date of birth - 21 -1- 1986
                      Birth time -12:00 noon ( दोपहर )
                        Birthplace - Patna ( Bihar )

सुशांत सिंह राजपूत की कुंडली,Planetary chart of sushant singh rajput



सुशांत सिंह राजपूत के जन्मकुण्डली में चंद्र वृषराशि में स्थित है जिससे उनकी जन्मराशि वृष माना जायेगा। लग्न मेष है। मृत्यु एवं आयुभाव लग्न से अष्टम भाव में अशुभ शनि विराजमान है।ज्योतिष के नियमानुसार अष्टम भावगत शुभ या उच्च राशिगत शनि व्येक्ति के आयु की वृद्धि करने तथा दीर्घगामी ग्रह होने के कारण दीर्घायु प्रदान करता है परन्तु यहाँ पर शनि नीचस्थ हो तो अकालमृत्यु का कारक होता है जो कि सुशांत की जन्मकुण्डली अनुसार सही दृष्टिगोचर होता है। भारत के श्रेष्ठ क्रांतिकारी श्री नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जन्मकुण्डली में भी शनि अष्टम भाव में स्थित है तथा उनका जन्मलग्न भी मेष ही है। वैसे तो नेताजी के विषय में दशकों से उनके आयु के विषय में कई भ्रम फैलने वाले तथ्य सामने आते रहे है फिरभी ज्योतिष द्वारा उनके जन्मकुण्डली को जानकर आसानी से उनके अकालमृत्यु के संबंध में बिना कोई संदेह के बताया जा सकता है।


नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जन्मकुण्डली

Date of birth- 23-1-1897
Birth time- 12:15 p.m दोपहर
Birthplace- Cuttack ( odisha )



सुभाषचंद्र की जन्मकुंडली, planetary chart subhash chandra bose



इससे ज्योतिष सूत्र अनुसार ये बिल्कुल साफ हो जाता है कि शनि अष्टम भावगत होकर शुभ राशि में स्थित होने पर दीर्घगामी शनि द्वारा जिस तरह दीर्घायु की प्राप्ति होती है ठीक उसी प्रकार अशुभ एवं विपरीत अवस्था में होने पर अकालमृत्यु को प्राप्ति होती है।





 

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