Aaj ka panchang
दैनिक पञ्चाङ्ग - नई दिल्ली अनुसारDaily almanac - NEW Delhi, India
Aaj ka panchang
दैनिक पञ्चाङ्ग - नई दिल्ली अनुसार
Daily almanac - NEW Delhi, India
Aaj ka panchang
04 june , 2021 friday
२० जेष्ठ - शुक्रवार
सूर्योदय- 4:50 a.m- सूर्यास्त- 6:20 p.m
कृष्णा दशमी - 04:07 a.m तक
बाद में कृष्णा एकादशी तिथि
नक्षत्र- उत्तरभाद्रपद नक्षत्र - 08:47 p.m तक
बाद में- रेवती नक्षत्र
योग- आयुष्मान योग - 02:50 a.m- 5 june तक
बाद में- सौभाग्य योग
करण- वणिज करण - 03:10 p. m तक
बाद में- विष्टि भद्रा करण
राहुकाल- 09:54 a.m से 11:35 a.m तक
पंचांग के विषय में -
पंचांग का मूल अर्थ है पांच अंग जिसमे वार, तिथि, नक्षत्र, योग, करण के समन्वय को पंचांग कहा गया है।
प्रथम वार-
वार सात है जो वेदों में उपलब्ध सात देवताओं के नाम पर आधारित है जैसे सूर्य देवता से रविवार, चंद्र देवता से सोमवार, मंगल देवता से मंगलवार, बुध देवता से बुधवार, गुरु बृहस्पति देवता से बृहस्पतिवार, गुरु शुक्राचार्य से शुक्रवार, शनि देवता से शनिवार इत्यादि।
द्वितीय तिथि-
चंद्र मास अनुसार ३० तिथियां है जो शुक्लपक्ष एवं कृष्णपक्ष की तिथियां है। शुक्ला प्रतिपद, शुक्ला द्वितीया, शुक्ला तृतीया, शुक्ला चतुर्थी, शुक्ला पंचमी, शुक्ला षष्ठी, शुक्ला सप्तमी, शुक्ला अष्टमी, शुक्ला नवमी, शुक्ला दशमी, शुक्ला एकादशी, शुक्ला द्वादशी, शुक्ला त्रयोदशी, शुक्ला चतुर्दशी, पूर्णिमा। इसी तरह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, कृष्णा द्वितीया, कृष्णा तृतीया, कृष्णा चतुर्थी, कृष्णा पंचमी, कृष्णा षष्ठी, कृष्णा सप्तमी, कृष्णा अष्टमी, कृष्णा नवमी, कृष्णा दशमी, कृष्णा एकादशी, कृष्णा द्वादशी, कृष्णा त्रयोदशी, कृष्णा चतुर्दशी, अमावस्या।
तृतीय नक्षत्र-
वेदों में सत्ताईस नक्षत्रों का वर्णन मिलता है। जिनके नाम इस प्रकार है। अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आद्रा, पुर्नवसु, पुष्या, अश्लेषा, मघा, पूर्वफाल्गुनी, उत्तरफाल्गुनी, हस्ता, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, जेष्ठा, मुला, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवणा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वभाद्रपद, रेवती इत्यादि।
चतुर्थ योग-
योग २७ प्रकार है जिनके नाम इस प्रकार है। विष्कुम्भ योग, प्रीति योग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, शोभन योग, अतिगंडयोग, सुकर्म योग, धृति योग, शूल योग, गंड योग, वृद्धि योग, ध्रुव योग, व्याघात योग, हर्षण योग, वज्र योग, असृक योग, व्यतिपात, बरियान योग, परिघ योग, शिव योग, सिद्ध योग, साध्य योग, शुभ योग, शुक्र योग, ब्रम्ह योग, इन्द्र योग, बैधृति योग इत्यादि।
पंचम करण-
करण ११ प्रकार के है जिनके नाम इस प्रकार है। वव करण, बालव करण, कौलव करण, तैतिल करण, गर करण, वणिज करण, विष्टि करण, शकुनि करण, चतुष्पाद करण, नाग करण, किन्तुघ्न करण इत्यादि।
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