वशीकरण कैसे करें ?

Kaushik sharma
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वशीकरण कैसे करें?





वशीकरण साधारणत: किसी पुरुष व स्त्री को अपने वश में करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा किसी राजा, राजकर्मचारी, मंत्री व किसी वैश्या को वश में करने के लिए भी वशीकरण किया जाता है। वशीकरण एक अमोघ विद्या है परंतु इसका नाजायज ढंग से उपयोग में लाना शास्त्रों में वर्जित माना गया है जो कि तंत्र के षट्कर्म का एक हिस्सा है। प्रत्येक मनुष्य अपने सार्वजनिक जीवन में क्या पुरुष क्या स्त्री और क्या बालक सभी को अपने वश में कर अपनी जिंदगी जीना चाहता है परंतु वशीकरण के कठिन तंत्र विद्याओं के अलावा साधारण वशीकरण उपायों से अनभिज्ञ होने के कारण सार्वजनिक जीवन में इसका प्रयोग न करने के कारण जीवन में कई वैरी यानी शत्रु भी पनपने लग जाते है। इन सभी समस्याओं के लिए निम्नलिखित शास्त्रोक्त विधि का अनुसरण करके इन समस्याओं से मुक्ति पा सकते है। वशीकरण के कठिन विद्याओं को जानने से पहले चलिए आज जानें कि कैसे हम अपने वशीकरण के इन साधारण नियमों द्वारा प्रत्येक मनुष्य को किस तरह अपने वश में कर सकते है। वस्तुतः ये उपाय प्राचीनकाल से ही स्वयं सिद्ध है जिनको प्रयोग में लाकर किसी को भी अपने अनुकूल एवं वश में कर सकते है जिसके लिए निम्नलिखित शास्त्रोक्त नियम को जानें।


F. A. Q  

      "वृद्धाल्लापे प्रलष्टा भवति पतवया गौरवेनाति सुरम।
      सद्भाव वारज मयोद्भटरत सुखिता मध्यम रासलूज्जा ।।
       मुग्धालंकारहार प्रमुखावतरनै: रम्यते योवनावस्था। 
       बाला ताम्बूल माल्य फलरस सुरासार सन्मान ईर्षा ।।

विभिन्न प्रकार के वार्तालापों से वृद्धा स्त्री को वश में, प्रौढ़ स्त्री को प्रेम एवं अनुराग द्वारा वश में, किसी तरुणी स्त्री को प्रगाढ़ आलिंगन व विविध संगम के आसनों द्वारा रति तृप्त करके वश में, युवती स्त्री को विभिन्न वस्त्रभूषण एवं अलंकार द्वारा वश में तथा रुचिकर खाद्यान्न, ताम्बूल, माल्य एवं मीठे फलों के रस द्वारा किसी बालिका को वश में किया जा सकता है।

 


           हठयोग प्रदीपिका के अनुसार वशीकरण


हठयोग प्रदीपिका के अनुसार किसी को भी वश में करने हेतु हमेशा वार्तालाप करते समय जिसे वश में करना चाहते है उस व्येक्ति से कुछ ऊंचा बैठें और बात करें तो सामने बैठे व्येक्ति को अनायास वश में किया जा सकता है। अगर आप किसी ऑफिस या अपने कर्मरत चेम्बर में बैठें है जहाँ आपके खरीदार या क्लाइंट्स का आना-जाना लगा रहता है तो हमेशा ध्यान रखें कि आपके क्लाइंट्स आपसे ऊँचा न बैठ पाए और आप ही उनसे ऊँचे किसी गद्दी या चेयर पर बैठें। इससे आपके क्लाइंट्स पर आपका प्रभाव हमेशा बना रहेगा तथा वै आपकी बातों को मानने लगेंगे। इस तरह आप किसी व्येक्ति विशेष को भी सुविधानुसार अपने वश में कर सकते है। जरूरत है तो सिर्फ ऊँचे बैठने की। प्रेमीयुगल भी जब अपने प्रेमी से भेंट करें तो अपने प्रेमी व पसंद के व्येक्ति से थोड़ी ऊंचाई पर बैठकर बात करें। ध्यान देनेवाली बात इसमे ये है कि आप ऊँचे जगह पर भी बैठें और उस व्येक्ति या प्रेमी से आंखों में आंखें डालकर बिना पलक झपकाए बात करें। ऐसा आप अपने बिज़नेस सेक्टर के किसी भी क्लाइंट से बात करते समय किया करें। इससे वै सभी आपके वश में रहेंगे। अपने प्रेमी से विछोह या विच्छेद होने से पहले इसी तरह के नियम अपनाने पर आप का प्रेमी हमेशा आपके वश में ही रहेगा तो विछोह की संभावना भी नही होगी और इन नियमों को अमल में लाकर भी आप किसी को वश करने में समर्थवान बन जाएंगे।

 

             हिप्नोटिज्म द्वारा वशीकरण


यदि कोई व्येक्ति आपके पास आकर आपको कोई सूचना या समाचार देता है और वो समाचार व सूचना आप पहले से जान चुके है तो आप उस सूचना देने वाले पर ये आभास न होने दें कि अपने वो सूचना पहले से ही प्राप्त कर ली है बल्कि आप उसके समक्ष ऐसा आभास दें कि वो सूचना उसी के मुंह से पहली बार सुन रहे है एवं उसके दिए गए सूचना के सुनते ही अचंभित होने का भान करें जैसे कि वो सूचना आपको पहली बार मिल रही हो। इस तरह भी आप सूचना लाने वाले व्येक्ति को भी वश में कर लेते है जिससे वो व्येक्ति मन ही मन हर्षित हो उठता है जो कि आपके वश में होने की निशानी है। हिप्नोटिज्म के इस नियम को भी अपनाकर अनायास किसी को भी वश में कर सकते है।


       प्रभावशाली वशीकरण कैसे करें ?

प्रभावशाली वशीकरण करने से पहले सर्वप्रथम देवी वाणी ( सरस्वती माता ) की पूजा अर्चना करना जरूरी होता है जो कि वसन्त काल में होता है। वसन्त काल में वशीकरण का कारक ग्रह शुक्र भी बलवान होते है। वशीकरण का समय दिवाकाल के सूर्योदय से प्रथम १० दंड के अंदर करना पड़ता है। वशीकरण हमेशा पूर्वमुखी होकर किया जाता है। वशीकरण का आसन स्वस्तिकासन है। मुद्रा- पाशमुद्रा है। वशीकरण का तत्व - वन्हि तत्व ( अग्नि ) है। मंत्रों के उच्चारण के अंत में स्वाहा पद का उच्चारण करना उचित रहता है। तंत्र शास्त्र के तीव्र वशीकरण अनुष्ठान अमावस्या युक्त शनिवार या अमावस्या युक्त मंगलवार को जैष्ठा, उत्तराषाढ़ा या रोहिणी नक्षत्र में मेष, धनु, कन्या अथवा मीनलग्न में स्वरोदय शास्त्र अनुसार दाया स्वर चलने पर सम्पन्न किया जाता है।

 

      वशीकरण का सरताज है काम गायत्री 


ऊँ कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।

इस मंत्र को वसंत ऋतु के शुक्रवार से प्रतिदिन या प्रति शुक्रवार को कुश के आसन पर बैठकर पद्मबीज़ की माला से १०८ वार जाप करने पर मनुष्य तो क्या त्रिलोक के किसी भी जीव, पशु-पक्षी को भी वश में किया जा सकता है। इसके जाप से अन्य किसी वशीकरण मंत्र की कोई आवश्यकता नही होती तथा व्येक्ति किसी को भी वश में कर सकता है। वशीकरण में मनुष्य की वाणी बहुत प्रभाव डालती है तथा हमारी अपनी वाणी ही दूसरों को अनायास वश में करने का काम करती है इसलिए हास्यमुखी होकर विद्वत्वा पूर्वक ही वार्तालाप करें क्योंकि मूर्खतापूर्ण वार्तालाप द्वारा कोई भी वश में नही होता।

 



नोट- काम गायत्री बिना गुरु के आदेश के जाप करना एक अपराध है। इसके लिए हमारे कार्यालय के अनुभवी ज्योतिष गुरु द्वारा आदेश प्राप्त कर इसको प्रयोग में लाएं। इसको प्रयोग में लाने की न्यूनतम गुरुदक्षिणा- १००१ रुपये है। जिसे आप हमारे कार्यालय को भेजकर मंत्र उद्धार व काम गायत्री के महत्वपूर्ण अन्य विषयों की जानकारी प्राप्त कर और भी लाभान्वित होंगे।

पाठकगण को वशीकरण के विषय में यह लेख कैसा लगा इसके अनुभव से हमें भी ज्ञात कराएं ताकि लेखक के अथक प्रयास सार्थक हो सके। 


                                                      आचार्य कौशिक शास्त्री
                                                             ज्योतिष शास्त्री







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