Pulsing of human body & organs
"अंग दक्षिण भागे तू प्रशस्तं प्रस्फुरणं भवेत
अप्रशस्तं तथा वामे पृष्ठस्य हृदयस्य च
विपर्ययेण विहितं स्त्रीणां विपर्ययं ।।
दक्षिणेहपि प्रशस्तेहगें प्रशस्तं स्या विशेषत:
अप्रशस्ते तथा वामे त्व प्रशस्तं विशेषत:।।"
उक्त श्लोकनुसार पुरुषों के दाएं एवं स्त्रियों के बाएं अंगों का फड़कना शुभ माना गया है एवं पुरुषों के बाएं तथा स्त्रियों के दाएं अंगों का फड़कना अशुभ माना गया है। निन्मलिखित फल पुरुषों के अनुसार दिया गया है। स्त्री ओर पुरुष के दाएं बाएं भेद से फलों का निर्यण करें।
🔲सिर का फड़कना- ज़मीन, जायदाद या भूमि से संबंधित लाभ।
🔲 ललाट का फड़कना- पैरों का टखने की वृद्धि।
🔲 भोहों का फड़कना - मित्र या प्रेमी से भेंट।
🔲 नाक का फड़कना - कष्ट में आना।
🔲 दाएं नेत्र का फड़कना - मित्र से भेंट या धन का लाभ
🔲 निचले नेत्र का फड़कना- कष्टों का आना।
🔲 बाएं नेत्र का फड़कना- धन का नाश होना।
🔲 नेत्र के ऊपरी कोना फड़कना- धन लाभ या किसी नारी से भेंट।
🔲 नेत्र के निचला कोना फड़कना - रोगों का लाभ।
🔲 नेत्रों का बीचोबीच का फड़कना- अशुभ फल।
🔲 दाएं नाक का फड़कना- शारीरिक कष्ट।
🔲 बाएं नाक का फड़कना- मृत्यु का समाचार।
🔲 मुँह का ऊपरी हिस्सा फड़कना- मानसिक कामना पूरक।
🔲 मुह का निचला हिस्सा फड़कना- अचानक कष्ट आना।
🔲 दाएं बाजू का फड़कना- मित्र से प्रेम
🔲 पेट का फड़कना- संतान प्राप्ति, संतुष्टि।
🔲 पेट के नीचे फड़कना- संतुष्टि।
🔲 दाएं हाथ का फड़कना- शारीरिक शक्ति में वृद्धि।
🔲 बाएं हाथ का फड़कना - झगड़ा या विवाद।
🔲 नाड़ियों का फड़कना - धन की प्राप्ति।
🔲 जानू का फड़कना- शत्रु से मित्रता।
🔲 जीभ का फड़कना- कई तरह से फायदेमंद।
🔲 गले के भीतर फड़कना - झगड़ा या विवाद।
🔲 दाएं कान का फड़कना- विद्या या नारी लाभ।
🔲 बाएं कान का फड़कना- सिर का रोग।
🔲 दोनों कान का फड़कना- धनप्राप्ति एवं संतुष्टि।
🔲कान के निचला हिस्सा फड़कना- शुभ समाचार की प्राप्ति।
🔲 दाएं कंधे का फड़कना- सोना या चांदी की प्राप्ति।
🔲 गले का फड़कना- धन-संपत्ति लाभ, रोग लाभ।
🔲 छाती का फड़कना- शारीरिक कष्ट एवं जयलाभ।
🔲 पीठ का फड़कना - पराजय का सामना, शारीरिक दर्द।
🔲गाल का फड़कना - राजद्वार या सरकारी द्वार का दिखना।
🔲 स्तन का फड़कना - धन की प्राप्ति।
🔲 जानू के ऊपर फड़कना - अशुभ समाचार की प्राप्ति।
🔲 कमर के फड़कना - शारीरिक कष्ट या दर्द।
🔲 नितम्ब का फड़कना - सिर में चोट लगना।
🔲 नाभि का फड़कना - दुर्घटना का सामना।
🔲 सौच स्थान का फड़कना- आनंद लाभ, दूर का भ्रमण।
🔲 दोनों पैरों का फड़कना - उत्कृष्ट स्थान का लाभ।
🔲 पैरों का तलवा फड़कना - घूमना- फिरना।
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